Mridul krishna shastri biography books

श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी एक मार्गदर्शक हैं, एक गुरु जिसे भगवान ने स्वयं दिव्य उपस्थिति महसूस कराने​ के लिए भेजा है। इस प्रकार धरती पर श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी हमारे लिए दिव्य आशीर्वादों की तरह हैं। -  श्री गौरव कृष्ण शास्त्री जी महाराज

 

गुरुजी श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज

जन्म

 मृदुल कृष्ण​

 वृंदावन, उत्तर प्रदेश, भारत 

पिता श्री मूल बिहारीजी
  • 1 जीवन चरित्र
    2 जीवन तत्त्व और मार्गदर्शन 
  • 3 कार्य
    4 संदर्भ

 

जीवन चरित्र :

गुरुजी श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज एक आध्यात्मिक वक्ता​ और दुनिया भर के कई लोगों के लिए एक गुरु है। 

श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के मधुर भजन ने भक्तों के​ भीतर की रोशनी को जगाया और दिव्य उपस्थिति लायाI लोग भजन और कथाओं को सुनने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा हुएI संस्कृत और आध्यात्मिकता के बारे में उनका ज्ञान लोगों को स्वयं का अहसास करने और परम शक्ति के करीब महसूस करने में मदद करता है। 

श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी का जन्म 15 वीं सदी के संत स्वामी हरिदास महाराज के परिवार में वृंदावन में हुआ था। जो भारतीय शास्त्रीय संगीत के संस्थापक और पुनर्योजक भी थे। स्वामी हरिदास जी प्रसिद्ध संगीतकारों के गुरु भी थे, जैसे -बैजू बावरा और तानसेन।

जीवन तत्व​ और मार्गदर्शन ​:

शास्त्री जी के पिता आचार्य गोस्वामी श्री मूल बिहारीजी​ शास्त्री और माता श्रीमती शांति गोस्वामी को श्री मृदुल कृष्ण महाराज जी देवी सरस्वती के आशीर्वाद के रूप में मिले । 

उन्होंने अपने पिता से भागवत, संस्कृत मूलपथ और संस्कृत भाषा की अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। 

उन्होंने श्रीराम चरित मानस के 8000 श्लोक और चौपाई सीखे। 16 साल की उम्र में, उन्होंने गंगा नदी के किनारे हरिद्वार में श्रीमद भागवत की शुरुआत की थी। तब से उन्होंने 700 से ज्यादा भागवत कथाये पूरी​ कर ली​ हैंI 

उनका विवाह श्रीमति वंदना गोस्वामी जी के साथ हुआ, जिनसे उनके एक पुत्र गौरव कृष्ण महाराज जी हैं, जो स्वयं अपने पिता की तरह ही एक प्रसिद्द भागवत कथा के प्रचारक हैं।​


कार्य :

श्री भागवत मिशन ट्रस्ट मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन में बढ़ रहा हैI यह वृन्दावन में श्री राधारी गौशाला चलाती है, जो वर्तमान में 150 गायों का पालक​ है। 

ट्रस्ट वृन्दावन में श्री राधा स्नेह बिहारी आश्रम भी चला रहा है, जो कई लोगों और भक्तों को आवास और भोजन प्रदान करता है। राधा रानी और भगवान कृष्ण के लिए श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी के मधुर भजन, दिव्य वातावरण बनाते हैं जहां भगवान की उपस्थिति को महसूस किया जा सकता है ।

श्लोक को समझाने का उनका तरीका इतना आसान है कि एक व्यक्ति जीवनकाल के लिए आसानी से याद कर सकता है। उनकी मधुर आवाज़, सरल शब्दावली हर किसी को उस परम शक्ति को जानने का अवसर​ देती है तथा उस कथा को दिल से अनुभव कराती है ।

कई टीवी चैनलों ने उनके भजन और प्रवचनों को नियमित रूप से प्रसारित किया।

 

संदर्भ :

  1. गुरुजी श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज
  2. Acharya Shri Mridul Krishna Shastri Ji ​Youtube

 

Amreesh Kumar Aarya (वार्ता) 11:31, 29 दिसम्बर 2017 (UTC)Amreesh Kumar Aarya